소설

그대 나 부르실 날에

세상을 다 가진 것 같던 남윤 도령. 하지만 영목의 눈엔 왜 그리 외롭고 불쌍해 보였을까. 어느 날, 가문이 몰락하고 감옥에 갇힌 윤. 그를 구하기 위해 그녀는 스승인 용과 내기한다. 영목이 굳이 남장을 하지 않아도, 태어난 그대로의 모습으로도 당당히 살 수 있는 세상에서 다시 태어날 것. 그런 세상이 되었다 싶거든 윤의 이름을 기억해 낼 것. 내기를 수락한 영목은 눈을 감으면서 윤의 말을 되새겼다. 나는 항상 여기 있습니다. 마음 편한 날에 천천히 오세요. 급히 달려오다 넘어지지 말고, 서두르다 구르지도 말고, 오래도록 안녕하시다가 어느 날 문득 적적하시거든 그때 슬슬 걸어오세요. 꼭 저처럼 차분하고 서늘하던 마지막 인사. 평생 무엇 하나 쉽지 않았던 영목은 이렇게 쉬운 내기마저도 불안할 뿐이었다. 머지않은 언젠가 우리는 다시 만날 수 있을까. 다시 만나서 윤이 도령, 하고 크게 불러줄 수 있을까. * * * 부유한 역관 가문의 하나뿐인 후계자 남윤. 호위 무사이자 벗인 영목과 함께하며 순조롭게 상단을 키우고 모든 일이 잘 풀리던 찰나, 갑작스러운 모함으로 가문이 무너지고 말았다. 정신을 차린 후의 삶은 윤의 이해를 넘어선 것이었다. 햇빛 아래 설 수 없고, 피비린내에 이성을 잃고, 모르던 감각들이 예민하게 살아났다. 죽어 버리고 싶었지만 죽을 수가 없었다. 이제 어떻게든 살고 견뎌 언제 만날지 기약 없는 날을 기다려야 한다. 소중한 사람의 이름을 품고. #동양풍 #역사/시대물 #남장여자 #무력여캐 #조신계략남

회차
연재목록
별점
날짜
추천
157
(5)
2023-09-21
0
156
(5)
2023-09-21
0
155
(5)
2023-09-21
0
154
(5)
2023-09-21
0
153
(5)
2023-09-21
0
152
(5)
2023-09-21
0
151
(5)
2023-09-21
0
150
(5)
2023-09-21
0
149
(5)
2023-09-21
0
148
(5)
2023-09-21
0
147
(5)
2023-09-21
0
146
(5)
2023-09-21
0
145
(5)
2023-09-21
0
144
(5)
2023-09-21
0
143
(5)
2023-09-21
0
142
(5)
2023-09-21
0
141
(5)
2023-09-21
0
140
(5)
2023-09-21
0
139
(5)
2023-09-21
0
138
(5)
2023-09-21
0
137
(5)
2023-09-21
0
136
(5)
2023-09-21
0
135
(5)
2023-09-21
0
134
(5)
2023-09-21
0
133
(5)
2023-09-21
0
132
(5)
2023-09-21
0
131
(5)
2023-09-21
0
130
(5)
2023-09-21
0
129
(5)
2023-09-21
0
128
(5)
2023-09-21
0
127
(5)
2023-09-21
0
126
(5)
2023-09-21
0
125
(5)
2023-09-21
0
124
(5)
2023-09-21
0
123
(5)
2023-09-21
0
122
(5)
2023-09-21
0
121
(5)
2023-09-21
0
120
(5)
2023-09-21
0
119
(5)
2023-09-21
0
118
(5)
2023-09-21
0
117
(5)
2023-09-21
0
116
(5)
2023-09-21
0
115
(5)
2023-09-21
0
114
(5)
2023-09-21
0
113
(5)
2023-09-21
0
112
(5)
2023-09-21
0
111
(5)
2023-09-21
0
110
(5)
2023-09-21
0
109
(5)
2023-09-21
0
108
(5)
2023-09-21
0
107
(5)
2023-09-21
0
106
(5)
2023-09-21
0
105
(5)
2023-09-21
0
104
(5)
2023-09-21
0
103
(5)
2023-09-21
0
102
(5)
2023-09-21
0
101
(5)
2023-09-21
0
100
(5)
2023-09-21
0
99
(5)
2023-09-21
0
98
(5)
2023-09-21
0
97
(5)
2023-09-21
0
96
(5)
2023-09-21
0
95
(5)
2023-09-21
0
94
(5)
2023-09-21
0
93
(5)
2023-09-21
0
92
(5)
2023-09-21
0
91
(5)
2023-09-21
0
90
(5)
2023-09-21
0
89
(5)
2023-09-21
0
88
(5)
2023-09-21
0
87
(5)
2023-09-21
0
86
(5)
2023-09-21
0
85
(5)
2023-09-21
0
84
(5)
2023-09-21
0
83
(5)
2023-09-21
0
82
(5)
2023-09-21
0
81
(5)
2023-09-21
0
80
(5)
2023-09-21
0
79
(5)
2023-09-21
0
78
(5)
2023-09-21
0
77
(5)
2023-09-21
0
76
(5)
2023-09-21
0
75
(5)
2023-09-21
0
74
(5)
2023-09-21
0
73
(5)
2023-09-21
0
72
(5)
2023-09-21
0
71
(5)
2023-09-21
0
70
(5)
2023-09-21
0
69
(5)
2023-09-21
0
68
(5)
2023-09-21
0
67
(5)
2023-09-21
0
66
(5)
2023-09-21
0
65
(5)
2023-09-21
0
64
(5)
2023-09-21
0
63
(5)
2023-09-21
0
62
(5)
2023-09-21
0
61
(5)
2023-09-21
0
60
(5)
2023-09-21
0
59
(5)
2023-09-21
0
58
(5)
2023-09-21
0
57
(5)
2023-09-21
0
56
(5)
2023-09-21
0
55
(5)
2023-09-21
0
54
(5)
2023-09-21
0
53
(5)
2023-09-21
0
52
(5)
2023-09-21
0
51
(5)
2023-09-21
0
50
(5)
2023-09-21
0
49
(5)
2023-09-21
0
48
(5)
2023-09-21
0
47
(5)
2023-09-21
0
46
(5)
2023-09-21
0
45
(5)
2023-09-21
0
44
(5)
2023-09-21
0
43
(5)
2023-09-21
0
42
(5)
2023-09-21
0
41
(5)
2023-09-21
0
40
(5)
2023-09-21
0
39
(5)
2023-09-21
0
38
(5)
2023-09-21
0
37
(5)
2023-09-21
0
36
(5)
2023-09-21
0
35
(5)
2023-09-21
0
34
(5)
2023-09-21
0
33
(5)
2023-09-21
0
32
(5)
2023-09-21
0
31
(5)
2023-09-21
0
30
(5)
2023-09-21
0
29
(5)
2023-09-21
0
28
(5)
2023-09-21
0
27
(5)
2023-09-21
0
26
(5)
2023-09-21
0
25
(5)
2023-09-21
0
24
(5)
2023-09-21
0
23
(5)
2023-09-21
0
22
(5)
2023-09-21
0
21
(5)
2023-09-21
0
20
(5)
2023-09-21
0
19
(5)
2023-09-21
0
18
(5)
2023-09-21
0
17
(5)
2023-09-21
0
16
(5)
2023-09-21
0
15
(5)
2023-09-21
0
14
(5)
2023-09-21
0
13
(5)
2023-09-21
0
12
(5)
2023-09-21
0
11
(5)
2023-09-21
0
10
(5)
2023-09-21
0
9
(5)
2023-09-21
0
8
(5)
2023-09-21
0
7
(5)
2023-09-21
0
6
(5)
2023-09-21
0
5
(5)
2023-09-21
0
4
(5)
2023-09-21
0
3
(5)
2023-09-21
0
2
(5)
2023-09-21
0
1
(5)
2023-09-21
0